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बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन नए अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त – केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन नए अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त – केंद्र सरकार ने दी मंजूरी


परिचय

भारत की न्यायपालिका में न्यायाधीशों की कमी को दूर करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन नए अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। इन नियुक्तियों से अदालत की कार्यक्षमता बढ़ने की उम्मीद है, खासकर तब जब बॉम्बे हाईकोर्ट लंबे समय से न्यायाधीशों की कमी से जूझ रहा है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के कौन हैं नए नियुक्त न्यायाधीश?

केंद्र सरकार ने जिन तीन वकीलों को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है, उनके नाम इस प्रकार हैं –

अजीत भगवानराव कडेथांकर

आरती अरुण साठे

सुशील मनोहर घोडेश्वर

बॉम्बे हाईकोर्ट के ये तीनों वकील अपने-अपने कानूनी अनुभव और विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं, और इनके आने से हाईकोर्ट में मामलों के निपटारे की गति तेज होने की संभावना है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के तीनों नए न्यायाधीशों के बारे में

हालांकि आधिकारिक बायोग्राफी और विस्तृत प्रोफाइल अभी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन ये तीनों ही वकील अपने-अपने कानूनी क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते हैं और हाईकोर्ट एवं निचली अदालतों में लंबे समय से अभ्यास कर रहे हैं।

अजीत भगवानराव कडेथांकर – सिविल और आपराधिक मामलों में मजबूत पकड़ के लिए जाने जाते हैं।

आरती अरुण साठे – संवैधानिक और वाणिज्यिक कानून में अनुभव रखती हैं, और कई अहम मामलों में पैरवी कर चुकी हैं।

सुशील मनोहर घोडेश्वर – संपत्ति, कर, और प्रशासनिक कानून से जुड़े मामलों में विशेषज्ञ माने जाते हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन नए अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त

 नियुक्ति की प्रक्रिया कैसे हुई?

इन तीनों वकीलों के नाम सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 28 जुलाई 2025 को अनुशंसित किए थे। इसके बाद, केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ट्वीट के माध्यम से उनकी नियुक्ति की आधिकारिक जानकारी साझा की।

यह प्रक्रिया भारत की न्यायपालिका में नियुक्तियों के मानक तरीके के अनुसार हुई –

पहले हाईकोर्ट स्तर पर नाम सुझाए गए,

फिर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनका मूल्यांकन किया,

और अंत में केंद्र सरकार ने मंजूरी प्रदान की।

बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी

1 अगस्त 2025 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में 94 स्वीकृत पदों में से केवल 66 न्यायाधीश कार्यरत थे। यानी 28 पद खाली थे।

न्यायाधीशों की कमी का सीधा असर न्यायपालिका की गति पर पड़ता है –

मामलों का लंबा लंबित रहना,

सुनवाई में देरी,

और न्याय पाने में ज्यादा समय लगना।

ऐसे में नए न्यायाधीशों की नियुक्ति लोगों के लिए एक राहत की खबर है।

इन नियुक्तियों का महत्व

बॉम्बे हाईकोर्ट में इन तीनों नए अतिरिक्त न्यायाधीशों के आने से –

लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आएगी।

न्यायपालिका पर बोझ कम होगा।

लोगों को समय पर न्याय मिल सकेगा।

बॉम्बे हाईकोर्ट, जो देश के सबसे व्यस्त उच्च न्यायालयों में से एक है, अब अपने मामलों को और बेहतर तरीके से संभाल पाएगा।

न्यायपालिका में सुधार की दिशा में कदम

केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के बीच समन्वय इस बात का संकेत है कि सरकार न्यायपालिका में सुधार और पदों की रिक्तियों को भरने के लिए गंभीर है।

भारत में लंबित मामलों की संख्या लाखों में है। इसलिए हर उच्च न्यायालय में समय पर न्यायाधीशों की नियुक्ति बेहद जरूरी है।

निष्कर्ष

बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन नए अतिरिक्त न्यायाधीशों अजीत भगवानराव कडेथांकर, आरती अरुण साठे और सुशील मनोहर घोडेश्वर की नियुक्ति न केवल अदालत के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी एक सकारात्मक खबर है। यह कदम न केवल अदालत की कार्यक्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि न्यायपालिका में लोगों का विश्वास भी मजबूत करेगा।

 

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